चोरी के मामले पर FIR कराने प्रशासन के छूट रहे पसीने, कलेक्टर मौन..

मां शारदा वेयर हाउस पुनवारा रोड़ मकरझिर में हुई चोरी ...

Published on-

मां शारदा वेयर हाउस पुनवारा रोड़ मकरझिर में हुई चोरी के मामले पर एफआईआर कराने प्रशासन के छूट रहे पसीने

“षडयंत्र” को दिया जा रहा “चोरी” का नाम, आखिर किसके आदेश पर 4 दिनों तक बंद रहा “माँ शारदा वेयर हॉउस”? सीसीटीवी भी पाये गए बंद

आखिर किस दिग्गज भाजपा नेता का जिला कलेक्टर संस्कृति पर है दबाब

सिवनी/धूमा- माँ शारदा वेयर हॉउस पुनवारा रोड़ मकरझिर हमेशा से ही खरीदी केंद्र बनाने को लेकर विवादों मे घिरा रहा है, क्योंकि जांच अधिकारियों की बात करें तो ये गोदाम किसी भी मापदंड से खरीदी केंद्र के मापदंडो पर खरा नहीं उतरता है, फिर भी ना जाने किस भाजपा नेता के दबाब मे जिला कलेक्टर के द्वारा इसे हर बार खरीदी केंद्र बना दिया जाता है।

ना टूटा “ताला” ना टूटी “शटर”

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चोरो के द्वारा लगभग 354 बोरिया जिसमे चना, मसूर अन्य शामिल है जिसका बाजार मूल्य लगभग 15 लाख बताया जा रहा है, 4 दिनों से बंद गोदाम से चोरी हो गई, सूत्रों की माने तो चोरो के द्वारा चोरी करते समय गोदाम मालिक को होने बाली छति का पूरा ध्यान रखते हुए ना शटर को नुकसान पहुंचाया ना शासकीय संपत्ति के तालो को।

सीसीटीवी के साथ चार दिन बंद गोदाम के कारण चोरी की बारदात हुई आसान

बड़ी चोरी की बारदात किसी षडयंत्र के साथ या किसी अपने करीबी से प्राप्त जानकारी से करना काफी आसान हो जाती है, लगभग इसी तर्ज पर इस घटना को भी अंजाम देना सम्भव माना जा सकता है. अब सबाल यह उठता है की खरीदी के समय आखिर किसके आदेश पर गोदाम प्रभारी, और वेयर हाउसिंग कारपोरेशन एवं खरीदी केंद्र समिति के द्वारा बेयर हॉउस को बंद रखा गया, आखिर क्यों शासकीय विभाग के द्वारा अपने कर्तव्य से दूर हटकर गोदाम मालिक को नियमो का उलंघन करने की खुली छूट दे दी गई। आखिर क्यों जिला कलेक्टर को गोदाम के द्वारा मापदंड पूरा नहीं करने की जानकारी दी गई, आखिर किस एग्रीमेन्ट पर गोदाम मालिक और बेयर हाउसिंग कारपोरेशन अधिकारियो ने हस्ताक्षर कर सहमति प्रदान की थी, ये तो अब जांच का विषय?

समाचार प्रकाशन समय तक नहीं हो सकी एफआईआर, आखिर किसका दबाब दिख रहा हर जगह?

सूत्रों से मिली जानकारी की बात करें तो लगभग 21 तारीख़ को चोरी होने की घटना की जानकारी सार्बजनिक हुई, जिस पर घटना स्थल पर लगभग सभी जिम्मेदार अधिकारीयों ने अपने होने की पुष्टि की, जिसमे लगभग शासकीय संरक्षण मे आ चुके गोदाम मे हुई चोरी पर सिर्फ अधिकारीयों के द्वारा स्थानीय थाने मे चोरी की सामान्य सूचना देना और उस मामले मे एफआईआर ना होना भी किसी षडयंत्र का ही तो हिस्सा नहीं, कही यंहा भी किसी वरिष्ठ भाजपा नेता का दबाब तो नहीं?

4 दिन बंद रहा गोदाम, चोरी का समय और दिन स्पष्ट नहीं

प्राप्त जानकारी के अनुसार 4 दिनों तक अधिकारीयों की शायद आपसी सहमति से गोदाम को बंद रखा गया, बंद सीसीटीवी कैमरे के भरोसे पूरे गोदाम को मानो चोरो के हबाले कर दिया गया, अब सबाल ये उठता है की चोरी की घटना है किस दिन की, क्योंकि जिस तरह आसानी से 354 बोरियो को ले जाया गया है, ये सिर्फ 1 दिन का काम सम्भब नहीं, ना ही 354 बोरियो को एक साथ मे ले जाना सम्भब नहीं. खैर जो भी हो पुलिस को सूचना तो गोदाम खुलने के बाद ही मिली।

आखिर वो कौन है जिसका लगता था तीसरा “ताला”

नियमो की बात की जाय तो गोदाम खोलने और बंद करते समय गोदाम प्रभारी, और हाउसिंग कारपोरेशन के कर्मचारियों के द्वारा अपने अपने ताले लगाए जाते है, वंही सूत्रों की माने तो गोदाम प्रभारी और उनके लोगो का खरीदी स्थल पर आना जाना कम था तो अब सबाल ये उठता है की आखिर फिर किसका ताला गोदाम को खोलने और बंद करने के लिए लगाया जाता था, कंही इस घटना मे तीसरा ताला तो शामिल नहीं?

2 चौकीदारो के रहते आखिर कैसे, इतनी बड़ी चोरी को दिया गया अंजाम

वेयरहाउस गोदाम के क्षेत्रफल की यदि बात की जाए तो 2 चौकीदार के रहते इतनी बड़ी चोरी को अंजाम देना सम्भब नहीं था, यदि गोदाम के आसपास की बात करें तो मुख्य मार्ग को छोड़कर सभी रास्ते आवागमन के लिए उचित नहीं, फिर कैसे पिछले मार्ग से इस चोरी को अंजाम दिया गया, क्या आबाज चौकीदार तक नहीं पहुंची क्या? खैर जो भी हो अब सब जांच का विषय है।

क्या आरोप अनुसार दबाब मे दिख रहे जिला अधिकारी कर सकेंगे, निष्पक्ष जांच

मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन लखनादौन के प्रबंधक कमलेश बाखला के द्वारा जिला कलेक्टर संस्कृति जैन पर खुले शब्दों में आरोप लगाते हुए उन्हें किसी बीजेपी नेता के दबाव में रहने की बात कही गई है अब सवाल यह उठता है कि जिला कलेक्टर के द्वारा नियम विरुद्ध बने खरीदी केंद्र को परमिशन दिए जाने के बाद क्या जिला कलेक्टर संस्कृति जैन बिना किसी राजनीतिक दबाव के निष्पक्ष जांच कर पाएंगी या फिर किसी राजनीतिक दबाव के चलते यह जांच सालों तक चलती रहेगी क्या।

Tags:

आपके लिए खास

Leave a Comment