श्री मज्जगद्गुरु समाधि लोकार्पण महोत्सव धूमधाम से संपन्न
भगवान शिव का रुद्राभिषेक और ब्रह्मलीन शंकराचार्य जी महाराज की मूर्ति का हुआ अनावरण
गोटेगांव:- श्री मज्जगद्गुरु समाधि लोकार्पण महोत्सव गुरुवार को भव्यता और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। इस पावन अवसर पर भगवान शिव का विधिवत रुद्राभिषेक किया गया, और ब्रह्मलीन शंकराचार्य जी महाराज की मूर्ति का अनावरण हुआ।
समारोह में जगद्गुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती जी महाराज और जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने पूजन-अर्चन कर भक्तों को आशीर्वचन दिए।
पूज्य शंकराचार्य जी महाराज के साथ पंच अग्नि पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर रामकृष्णानंद जी महाराज शंकराचार्य जी महाराज के निजी सचिव ब्रह्मचारी सुबुद्धानंद जी महाराज सहित तमाम क्षेत्रों से आए हुए ब्रह्मचारी गण उपस्थित रहे।
श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
कार्यक्रम में दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे। भगवान शिव के रुद्राभिषेक में भाग लेकर भक्तों ने आशीर्वाद प्राप्त किया। शंकराचार्य जी महाराज ने भक्तों को धर्म, सत्य और मानव सेवा का संदेश दिया।
भक्ति और आध्यात्म का अनूठा संगम
पूरे आयोजन स्थल को भव्य रूप से सजाया गया था। श्रद्धालुओं के बीच विशेष भजन-कीर्तन और प्रवचन का आयोजन किया गया, जिसने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।
कार्यक्रम का समापन महाप्रसाद वितरण के साथ हुआ। श्रद्धालुओं ने इसे एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक आयोजन बताया, जो अध्यात्म और भक्ति का अनुपम उदाहरण बन गया।

गुरु बिना ज्ञान अधूरा: जगतगुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती जी महाराज
द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य ने किया गुरु की महिमा का वर्णन
द्वारका शारदा पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती जी महाराज ने गुरु की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु के बिना जीवन अधूरा है। गुरु ही वह माध्यम हैं, जो शिष्य को अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं।
गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर
उन्होंने कहा, “गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर माना गया है क्योंकि गुरु ही हमें ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग दिखाते हैं। गुरु का आशीर्वाद ही व्यक्ति के जीवन को सफल बनाता है।” उन्होंने शास्त्रों का उल्लेख करते हुए बताया कि ‘गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः’ के माध्यम से गुरु को त्रिदेव के समान माना गया है।
धर्म और समाज के उत्थान में गुरु की भूमिका
शंकराचार्य जी ने कहा कि गुरु केवल आध्यात्मिक मार्गदर्शन ही नहीं देते, बल्कि समाज और धर्म के उत्थान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गुरु हमें सच्चाई और कर्तव्य का मार्ग दिखाते हैं।
भक्तों को मिला संदेश
भक्तों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन में एक योग्य गुरु की तलाश करना और उनकी शिक्षाओं का पालन करना सबसे बड़ी साधना है। गुरु की सेवा और सम्मान से जीवन के सारे कार्य सफल होते हैं।
उनके प्रवचनों ने श्रद्धालुओं के हृदय में आध्यात्मिक चेतना का संचार किया। शंकराचार्य जी के आशीर्वचनों से भक्तों ने गुरु की महिमा को और गहराई से समझा।
गुरु और वेद से ही होता है मानव जीवन का उद्धार: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज
ज्योतिष पीठाधीश्वर ने गुरु और वेदों की महत्ता पर डाला प्रकाश
ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने गुरु और वेदों की महिमा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि वेदों और गुरु की शिक्षा ही मानव जीवन को सही दिशा प्रदान करती है। वेदों में संपूर्ण ब्रह्मांड का ज्ञान समाहित है, और गुरु ही इस ज्ञान को शिष्य तक पहुंचाने का माध्यम हैं।
वेद: ज्ञान का शाश्वत स्रोत
उन्होंने कहा, “वेद केवल ग्रंथ नहीं हैं, वे सृष्टि का शाश्वत ज्ञान हैं। वेद हमें धर्म, सत्य, कर्म और मानवता का मार्ग सिखाते हैं। वेदों का पालन करने से व्यक्ति अपने जीवन में शांति और सद्गति प्राप्त कर सकता है।”
गुरु का महत्व वेदों में निहित
शंकराचार्य जी ने कहा कि वेदों में भी गुरु को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। गुरु ही वेदों की जटिलताओं को सरल बनाकर शिष्य को उनका मर्म समझाते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “जैसे अंधकार में दीपक राह दिखाता है, वैसे ही गुरु हमें अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाते हैं।”
गुरु और वेदों के बिना अधूरा जीवन
उन्होंने कहा, “गुरु के बिना वेदों का ज्ञान प्राप्त करना असंभव है। गुरु और वेदों का समन्वय ही जीवन को सार्थक बनाता है। जो वेदों का अध्ययन गुरु के माध्यम से करता है, वही सही अर्थों में जीवन की गहराइयों को समझ पाता है।”
भक्तों को प्रेरणा
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज के प्रवचनों ने उपस्थित श्रद्धालुओं को गुरु और वेदों की महत्ता समझने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने भक्तों से आग्रह किया कि वे गुरु की सेवा करें और वेदों के ज्ञान को अपने जीवन में अपनाएं।
प्रवचन के अंत में भक्तों ने शंकराचार्य जी से आशीर्वाद प्राप्त किया और वेदों व गुरु की शिक्षा का पालन करने का संकल्प लिया।
श्री मज्जगद्गुरु समाधि लोकार्पण महोत्सव में जनप्रतिनिधियों और श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति
मंत्री, विधायक, और प्रमुख नेतागणों ने की पूजन-अर्चन और प्रवचनों का किया श्रवण
श्री मज्जगद्गुरु समाधि लोकार्पण महोत्सव में बड़ी संख्या में गुरु भक्तों और जनप्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस पावन अवसर पर मध्य प्रदेश शासन के ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, मंडला सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, गोटेगांव विधायक महेंद्र नागेश, और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति सहित कई प्रमुख नेता उपस्थित रहे।
गुरु भक्ति में हुए लीन
समारोह के दौरान इन जनप्रतिनिधियों ने समाधि मंदिर में विधिवत पूजन-अर्चन किया और शंकराचार्य जी महाराज के मुखारविंद से निकले अमृतमय प्रवचनों का रसपान किया। उन्होंने कहा कि इस भव्य आयोजन में शामिल होना उनके लिए सौभाग्य का विषय है और गुरु की कृपा से ही समाज और देश को नई दिशा मिलती है।
नेताओं ने गुरु की महिमा को सराहा
ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा, “गुरु का आशीर्वाद और उनकी शिक्षाएं ही हमारे जीवन को सही मार्ग पर ले जाती हैं। ऐसे आध्यात्मिक आयोजनों से समाज को नई ऊर्जा मिलती है।”
वहीं, शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने वेदों और गुरु के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है। आज का दिन हमारे जीवन में नई प्रेरणा लेकर आया है।”
भारी संख्या में उमड़े श्रद्धालु
कार्यक्रम में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए, जिन्होंने भगवान शिव के रुद्राभिषेक और ब्रह्मलीन शंकराचार्य जी महाराज की मूर्ति के अनावरण के साक्षी बनकर अपने जीवन को धन्य किया।
कार्यक्रम का समापन महाप्रसाद वितरण और भक्तों के बीच प्रसन्नता के माहौल के साथ हुआ। सभी ने इसे एक यादगार और प्रेरणादायक आयोजन बताया।





