सीधी कार्रवाई की मांग, झाबुआ पॉवर प्लांट द्वारा फ्लाई ऐश परिवहन से उत्पन्न प्रदूषण पर अधिकारियों की चुप्पी..

उच्च न्यायालय जबलपुर में जनहित याचिका की अवमानना पर दायर ...

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उच्च न्यायालय जबलपुर में जनहित याचिका की अवमानना पर दायर की गयी अवमानना याचिका

जबलपुर:- सिवनी जिले के लखनादौन निवासी नीलेश स्थापक ने उच्च न्यायालय, मध्यप्रदेश के समक्ष एक अवमानना याचिका दाखिल की है, जिसमें जिला कलेक्टर सिवनी, सुश्री संस्कृति जैन को उत्तरदायी ठहराते हुए अवमानना की कार्यवाही प्रारंभ करने की मांग की गई है। यह याचिका दिनांक 04 अप्रैल 2025 को पारित आदेश के अनुपालन में लापरवाही बरते जाने को लेकर दाखिल की गई है।

याचिकाकर्ता ने बताया कि उन्होंने सिवनी जिले के नागरिकों की ओर से एक जनहित याचिका (W.P. No. 10166/2025) दायर की थी, जिसमें झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा फ्लाई ऐश के परिवहन के कारण उत्पन्न हो रहे गंभीर पर्यावरणीय व जन स्वास्थ्य संकट की ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि ओवरलोडेड ट्रकों के कारण न केवल वायु प्रदूषण बढ़ा है, बल्कि सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं और दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ी है।

उक्त याचिका में माननीय खंडपीठ द्वारा कलेक्टर सिवनी को निर्देशित किया गया था कि वे त्वरित रूप से आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें तथा याचिकाकर्ता को उस कार्रवाई से अवगत कराएं। परंतु, याचिकाकर्ता का आरोप है कि आज दिनांक तक उक्त आदेश का पालन नहीं किया गया है और फ्लाई ऐश के ट्रक अब भी नियमों की अवहेलना करते हुए परिवहन कर रहे हैं।

इस संदर्भ में याचिकाकर्ता द्वारा 07 अप्रैल 2025 को एक अभ्यावेदन भी प्रस्तुत किया गया था, जिसकी प्रति याचिका के साथ संलग्न की गई है। इसके अतिरिक्त दिनांक 17 अप्रैल 2025 को क्षेत्रीय निवासियों द्वारा किए गए स्थल पंचनामा में भी अधिकारियों की निष्क्रियता को रेखांकित किया गया है।

याचिका में कहा गया है कि प्रशासनिक उदासीनता न्यायालय के आदेश की स्पष्ट अवमानना है, जिसके लिए उत्तरदायी अधिकारी के विरुद्ध व्यक्तिगत उपस्थिति व विधिक दंड निर्धारित किया जाना आवश्यक है, ताकि भविष्य में न्यायालय के आदेशों की अवहेलना न हो।

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