सिवनी/लखनादौन- राजस्व विभाग लखनादौन तहसील में लंबे समय से शासन के स्थानांतरण आदेशों की खुली अवहेलना हो रही है। तहसील के कई पटवारी 8 से 10 वर्षों से एक ही हल्के पर पदस्थ हैं, जो कि मध्यप्रदेश शासन की स्थानांतरण नीति का सीधा उल्लंघन है। शासन द्वारा समय-समय पर स्पष्ट रूप से आदेश जारी किए गए हैं कि किसी भी पटवारी या अन्य राजस्व कर्मी को तीन वर्ष से अधिक समय तक एक ही हल्के में नहीं रखा जाए। इसके बावजूद वर्तमान में लखनादौन तहसील के कई हल्कों में वर्षों से जमे हुए पटवारी कार्यरत हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि या तो उच्च स्तर पर आदेशों की अनदेखी की जा रही है, या फिर स्थानीय स्तर पर राजनीतिक संरक्षण और आंतरिक सांठगांठ के चलते नियमों को दरकिनार कर दिया गया है।
आदेशों की वास्तविक स्थिति
मध्यप्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा स्थानांतरण नीति के अंतर्गत हर तीन वर्ष में अनिवार्य स्थानांतरण का नियम लागू किया गया है। वर्ष 2023 एवं 2024 में जारी आदेशों में स्पष्ट किया गया कि एक ही स्थान पर लंबे समय तक पदस्थ अधिकारियों को हटाना अनिवार्य होगा। इसके तहत जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया गया कि स्थानीय प्रभाव या दबाव से ऊपर उठकर स्थानांतरण की प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से पूरा करें।
जनता को भुगतना पड़ रहा खामियाजा
सीमांकन, नामांतरण, ऋण पुस्तिका, नक्शा बी-1 जैसे अन्य कार्यों में आम जनता को भेदभाव, रिश्वतखोरी और पक्षपात का सामना करना पड़ रहा है। लंबे समय से जमे पटवारी न केवल सत्ता और प्रभाव का इस्तेमाल कर रहे हैं, बल्कि उनकी मनमानी के चलते ग्रामीणों और किसानों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।
प्रशासनिक विफलता और विश्वास में गिरावट
शासन के स्पष्ट आदेशों के बाद भी इनका पालन न होना प्रशासनिक तंत्र की कमजोरी को उजागर करता है। जनता का शासन से विश्वास लगातार डगमगा रहा है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए चिंताजनक है।
क्या होगी कार्यवाही?
क्या जिला कलेक्टर और एसडीएम लखनादौन इस गंभीर विषय पर संज्ञान लेंगे? क्या राजस्व विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग ऐसे सभी पटवारियों के तत्काल स्थानांतरण की कार्रवाई करेंगे?क्या शासन स्थानांतरण नीति का सख्ती से पालन सुनिश्चित करेगा? शासन को चाहिए कि वह तत्काल प्रभाव से वर्षों से जमे हुए पटवारियों की समीक्षा कर स्थानांतरण प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से अंजाम दे। हर तीन वर्ष में स्थानांतरण नीति का सख्ती से पालन जरूरी है, ताकि जनता को न्याय मिल सके और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके।





