सिवनी- लखनादौन वार्ड क्रमांक 05 में स्थित सर्वोदय इंग्लिश मिडियम हायर सेकेंडरी स्कूल का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह कोई सामान्य उपलब्धि नहीं, बल्कि एक ऐसी शैक्षणिक कामयाबी है जिसने न केवल स्कूल की प्रतिष्ठा बढ़ाई, बल्कि पूरे लखनादौन शहर के शैक्षणिक वातावरण में नई ऊँचाइयों का संचार किया है। स्कूल के संचालक, डायरेक्टर और समाजसेवक श्री मंगलप्रसाद विश्वकर्मा को सरदार पटेल यूनिवर्सिटी बालाघाट (म.प्र.) द्वारा डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (PhD) की उपाधि से सम्मानित किया गया है।
यह उपाधि कोई साधारण उपलब्धि नहीं, बल्कि वर्षों की निरंतर मेहनत, शोध-तत्परता, शैक्षणिक अनुशासन और उच्च स्तर की बौद्धिक गंभीरता का एक उत्कृष्ट प्रतिफल है
मंगलप्रसाद विश्वकर्मा ने कॉमर्स संकाय के अंतर्गत ई-कॉमर्स में ट्रस्ट व प्राइसिंग जैसे आधुनिक और चुनौतीपूर्ण विषय पर शोध कर यह उपाधि प्राप्त की है। उनके शोध का विषय STRATEGIC ANALYSIS ON INTERMEDIATION OF ELECTRONIC MARKETS WITH RESPECT TO TRUST AND PRICING IN E-COMMERCE आज के डिजिटल भारत की वास्तविक बाज़ारिक स्थितियों से सीधा जुड़ा हुआ है।
शहर की प्रतिक्रिया, लखनादौन ने कहा, यह सिर्फ डिग्री नहीं, हमारे शहर की प्रतिष्ठा है
लखनादौन शहर की गलियों से लेकर शैक्षणिक मंचों तक, हर ओर एक ही चर्चा, मंगल विश्वकर्मा ने लखनादौन को गौरवान्वित किया, सामान्यत: छोटे शहरों में उच्च शिक्षा का माहौल बनना चुनौती भरा होता है, परन्तु जिस प्रकार मंगलप्रसाद विश्वकर्मा ने अपनी उपलब्धि से इस शहर का नाम प्रदेश स्तर पर चमकाया है, वह हर्ष और सम्मान दोनों का विषय है, स्थानीय नागरिकों का कहना है, जब किसी शहर का शिक्षा से जुड़ा व्यक्ति पीएच.डी जैसी प्रतिष्ठित उपाधि लाता है, तो यह उपलब्धि केवल उसकी नहीं, बल्कि पूरे समाज की होती है।
सर्वोदय स्कूल अब केवल एक संस्थान नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रतीक बन चुका है
सर्वोदय स्कूल एक संस्था जिसका आधार शिक्षा, अनुशासन और नैतिकता, वार्ड नं. 05 स्थित सर्वोदय इंग्लिश मीडियम हायर सेकेंडरी स्कूल पहले से ही शहर के उन चुनिंदा संस्थानों में शामिल है जहाँ अनुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है, बच्चों की बौद्धिक प्रगति पर निगरानी रखी जाती है, आधुनिक शिक्षण-प्रणालियों का उपयोग होता है, प्रत्येक विद्यार्थी को व्यक्तिगत विकास की दिशा में प्रेरित किया जाता है, स्कूल के स्टाफ और शिक्षकों का स्पष्ट कथन है कि हमारे संचालक स्वयं शिक्षा की ऊँची समझ रखते हैं, इसलिए स्कूल में शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं, बल्कि बच्चों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास पर आधारित है।
शोध क्यों विशेष है? डिजिटल बाजार, भरोसा और कीमतों का बदलता परिदृश्य
भारत तेजी से डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। आज ऑनलाइन लेनदेन, डिजिटल भुगतान, ई-मार्केट, ई-ट्रस्ट, प्लैटफॉर्म प्राइसिंग, उपभोक्ता डेटा सुरक्षा, सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण विषय बन चुके हैं। ऐसे समय में, मंगलप्रसाद विश्वकर्मा द्वारा किया गया शोध इस डिजिटल युग के व्यापारिक तंत्र को समझने, सुधारने और उसे सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। उनका शोध यह दर्शाता है कि उपभोक्ता किस परिस्थिति में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भरोसा करता है, कीमतें कैसे तय होती हैं, डिजिटल मध्यस्थता का बाजार पर क्या प्रभाव पड़ता है, ऑनलाइन व्यापार में जोखिम और अवसर क्या हैं, इस शोध के निष्कर्ष आने वाले समय में ई-कॉमर्स नीति-निर्माण, व्यापार व्यवहार, मार्केट एनालिसिस और उपभोक्ता अधिकारों के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
उपाधि का महत्व यह सम्मान सिर्फ एक व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए सीख है
मंगलप्रसाद विश्वकर्मा की पीएचडी उपाधि यह सिद्ध करती है कि शिक्षा चाहे किसी भी उम्र में प्राप्त की जाए, उसका मूल्य जीवनभर स्थाई रहता है। एक संचालक या संस्थापक होने के साथ-साथ स्वयं का शैक्षणिक विकास भी आवश्यक है। समाज में शिक्षा का स्तर तभी बढ़ता है जब नेतृत्व शिक्षित, अनुशासित और दूरदर्शी हो। लखनादौन जैसे शहर में जहां उच्च स्तरीय शोध को लेकर जागरूकता अपेक्षाकृत कम रही है, वहाँ मंगलप्रसाद विश्वकर्मा का यह कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।
समाज में संदेश शिक्षा वह ताकत है जिससे बदलाव संभव है
लखनादौन शहर की सम्मानित जनता का मानना है कि जब एक शिक्षण संस्था का संचालक उच्च शिक्षा प्राप्त करे, तो समाज में शिक्षा के प्रति विश्वास बढ़ता है। इसके प्रत्यक्ष प्रभाव विद्यार्थियों में दिखते हैं। सर्वोदय स्कूल के विद्यार्थी भी कहते हैं, हमारे सर ने साबित किया है कि पढ़ाई कभी रुकनी नहीं चाहिए, चाहे आप कितने ही सफल क्यों न हो जाएँ।
भविष्य की संभावनाएँ, नई शोध परियोजनाएँ, शहर के युवाओं के लिए मार्गदर्शन
डॉ. मंगलप्रसाद विश्वकर्मा अब भविष्य में डिजिटल मार्केटिंग, ई-कॉमर्स प्राइसिंग मॉडल, उपभोक्ता मनोविज्ञान, डेटा आधारित रणनीतिक निर्णय, शिक्षा व्यापार संबंधी शोध, जैसे क्षेत्रों में युवाओं का मार्गदर्शन कर सकते हैं। शहर के छात्रों और शोधार्थियों के लिए यह सोने पर सुहागा जैसा अवसर है।
शहर की ओर से शुभकामनाएँ, उज्ज्वल भविष्य के लिए सामूहिक प्रार्थना
लखनादौन शहर के वरिष्ठ नागरिक, व्यापारी, शिक्षाविद, समाजसेवी, अभिभावक और विद्यार्थी एक सुर में यही कह रहे हैं, डॉ. मंगलप्रसाद विश्वकर्मा को हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ। उन्होंने लखनादौन का नाम शिक्षा के क्षेत्र में गौरवान्वित किया है। उनकी यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगी। यह सिर्फ डिग्री नहीं, लखनादौन की पहचान है, एक छोटे से शहर में स्थित एक स्कूल के संचालक का यह मुकाम बताता है कि संकल्प बड़ा हो तो शहर छोटा होने से फर्क नहीं पड़ता, शिक्षा में ईमानदारी हो तो सफलता देर-सवेर दरवाज़ा जरूर खटखटाती है, सामाजिक नेतृत्व तभी सफल होता है जब वह स्वयं शिक्षित और विनम्र हो, डॉ. मंगलप्रसाद विश्वकर्मा ने वही किया, लखनादौन को शिक्षा के मानचित्र पर मजबूत और सम्मानजनक स्थान दिलाने का काम। आज पूरा शहर, पूरा क्षेत्र और सभी शुभचिंतक एक स्वर में मंगल के उज्ज्वल भविष्य की कामना कर रहे हैं, डॉ मंगल विश्वकर्मा, आपका भविष्य मंगलमय हो, ज्ञान की यह रोशनी तुम सदा फैलाते रहो, और लखनादौन का नाम यूँ ही ऊँचा करते रहो।





