सिवनी- ग्राम पंचायत सहजपुरी उप-स्वास्थ्य केंद्र निर्माण में खुला खेल, चयनित स्थान को दरकिनार कर ठेकेदार की मनमानी, विभागीय अनुमति भी संदिग्ध..

सिवनी- ग्राम पंचायत सहजपुरी में प्रस्तावित उप-स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण ...

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सिवनी- ग्राम पंचायत सहजपुरी में प्रस्तावित उप-स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण जिस तरह किया जा रहा है, वह सीधे-सीधे शासन की गाइडलाइन, पंचायत राज अधिनियम, लोक निर्माण विभाग की कार्य नियमावली एवं स्वास्थ्य विभाग की स्वीकृत स्थल चयन प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न लगाकर खड़ा हो जाता है, ग्रामीणों के अनुसार शासन द्वारा जिस स्थान को औपचारिक रूप से चयनित किया गया था, उस स्थल पर निर्माण कार्य न करके ठेकेदार ग्राम के बाहर, चट्टानी क्षेत्र पर अपनी मनमर्जी से भवन खड़ा कर रहा है, जो न केवल तकनीकी दृष्टि से त्रुटिपूर्ण है बल्कि संदिग्ध मंशा की ओर भी संकेत करता है।

स्वीकृत स्थान बदला गया, पर किसके आदेश से?

सरपंच, सचिव को जानकारी तक नहीं, ग्रामीणों का दावा है, कि पंचायत के चुने हुए जनप्रतिनिधि, सरपंच और सचिव को न तो स्थान परिवर्तन की सूचना दी गई, न अनुमोदन हेतु कोई प्रस्ताव रखा गया, और न ही ग्राम सभा के अभिलेखों में ऐसी किसी प्रक्रिया का उल्लेख मिलता है, यह स्थिति स्वयं में गंभीर प्रशासनिक चूक है, क्योंकि, शासन का स्पष्ट प्रावधान है, स्वास्थ्य विभाग द्वारा चयनित स्थल का ग्राम पंचायत से औपचारिक अनुमोदन आवश्यक है, स्थान परिवर्तन की स्थिति में पंचायत की NOC, जनप्रतिनिधियों की सहमति, तथा प्राविधिक स्वीकृति अनिवार्य है, PWD/आरईएस/तकनीकी अमले द्वारा स्थल परीक्षण रिपोर्ट संलग्न होना चाहिए, परंतु ग्रामीणों के अनुसार किस विभाग से NOC ली गई, या ली भी गई या नहीं, इसका कोई रिकॉर्ड पंचायत के पास उपलब्ध नहीं।

चट्टान पर निर्माण, किसकी अनुमति से? गुणवत्ता पर गहरा प्रश्नचिह्न

निर्माण स्थल ग्राम से दूर एक कठोर चट्टानी भू-भाग पर चुना गया है, जहां न तो समुचित नींव की सुविधा है, न पीने के पानी, न बिजली, न पहुँच मार्ग की कोई ठोस व्यवस्था तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार स्वास्थ्य केंद्र जैसे भवन समतल, स्थिर एवं सुरक्षित स्थान पर, भू-वैज्ञानिक परीक्षण एवं मिट्टी जांच रिपोर्ट के आधार पर, जनसुविधा की पहुँच वाले क्षेत्र में बनाए जाते हैं। परंतु यहाँ इन मूलभूत नियमों की भी अनदेखी की जा रही है, ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार ने काम शुरू करने की औपचारिकता दिखाने हेतु केवल खंभे खड़े कर दिए, परंतु कार्य गुणवत्ताहीन और नियमविहीन दिखाई दे रहा है।

क्या राजनैतिक हस्तक्षेप की भेंट चढ़ रहा है स्वास्थ्य केंद्र?

ग्रामीणों की आशंका है कि मूल चयनित स्थान को हटाकर निर्माण को दूसरे क्षेत्र में शिफ्ट करना किसी राजनीतिक दबाव, निजी लाभ या स्वार्थी गठजोड़ का परिणाम तो नहीं? प्रशासनिक प्रक्रियाओं को दरकिनार कर किया गया कोई भी परिवर्तन भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, प्रदेश वित्तीय नियमावली, पंचायत राज अधिनियम 1993 तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिसूचित दिशानिर्देशों का उल्लंघन माना जाता है।

अब आवश्यक तत्काल उच्चस्तरीय जांच..

मामले में निम्न बिंदुओं पर तत्काल जांच आवश्यक है, क्या वास्तव में चयनित स्थल के स्थान पर निर्माण बदला गया? यदि बदला गया तो किस अधिकारी, विभाग या जनप्रतिनिधि ने आदेश दिया? क्या पंचायत से NOC/अनुमति ली गई? किस तकनीकी विभाग ने स्थल स्वीकृति दी? क्या भू-वैज्ञानिक परीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध है? क्या निर्माण गुणवत्ता शासन की PWD गाइडलाइन के अनुरूप है? क्या ठेकेदार की मनमानी में किसी राजनैतिक संरक्षण की भूमिका है?

ग्रामीणों की मांग कार्य रोककर पुनः मूल स्थान पर निर्माण कराया जाए..

ग्रामवासियों का मत साफ है, शासन ने जहाँ उप-स्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत किया, निर्माण भी वहीं होना चाहिए, मनमर्जी से स्थान बदलना नीयत पर सवाल खड़ा करता है, सहजपुरी के नागरिकों ने जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से निरीक्षण, स्थल सत्यापन और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।

क्रमशः आगे…..?

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