सिवनी- समाज में फैले अंधविश्वास, अप्रमाणित धारणाओं तथा जनमानस में व्याप्त वैज्ञानिक दृष्टिकोण की कमी को दूर करने के उद्देश्य से शासकीय मॉडल स्कूल लखनादौन में शुक्रवार को जादू नहीं विज्ञान शीर्षक से अभिनव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विद्यालय के छात्रों ने प्रत्यक्ष प्रयोगों के माध्यम से यह प्रमाणित किया कि चमत्कार जैसी प्रतीत होने वाली हर घटना के पीछे एक ठोस वैज्ञानिक कारण कार्यरत होता है।
छात्रों के वैज्ञानिक प्रयोग बने आकर्षण का केंद्र..
कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा ऐसे कई प्रयोग प्रदर्शित किए गए जो आमजन प्रायः चमत्कार या तंत्र-मंत्र से जोड़ देते हैं। प्रयोगों में नींबू से खून निकलना, फोटो से आग निकलना, नज़र उतारने के कथित तरीके, खूनी भूत, खूनी पैर, बिना आग दूध उबलना, हाथ से भभूत निकालना, हाथ काटने का भ्रम, अंडे का संतुलन, छलनी में पानी रोकना, तथा जिन्न निकलना जैसे प्रदर्शन शामिल थे। इन सभी प्रयोगों ने दर्शकों को आश्चर्यचकित तो किया ही, साथ ही यह संदेश भी स्पष्ट किया कि किसी भी चमत्कार का अस्तित्व विज्ञान के सिद्धांतों से परे नहीं है।
प्रशासनिक मार्गदर्शन और विद्यालयीन नेतृत्व सराहनीय..
इस सार्थक आयोजन के पीछे जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) एस.एस. कुमरे का मार्गदर्शन महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने बच्चों की जिज्ञासा और प्रयोगधर्मिता की प्रशंसा करते हुए कहा कि शिक्षा में वैज्ञानिक दृष्टिकोण ही भविष्य निर्माण का आधार है। विद्यालय की प्राचार्या मोनिका रावत के नेतृत्व में कार्यक्रम सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न हुआ। प्राचार्या ने कहा कि ऐसे आयोजनों से बच्चे किताबों से परे वास्तविक दुनिया को वैज्ञानिक नज़र से देखना सीखते हैं और समाज में प्रबोधन का कार्य भी करते हैं।
शिक्षकों और छात्रों की सक्रिय भूमिका..
कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षक निधि लखेरा एवं विक्रम श्रीवास्तव का मार्गदर्शन महत्वपूर्ण रहा।
प्रतिभागी छात्रों में श्रेया मिश्रा, आद्या सोनी, आकांक्षा वासुकी, माही जैन, समद खान, सोम सैनी, नमन श्रीवास्तव प्रमुख रूप से शामिल रहे।
अभिभावकों व नागरिकों ने की सराहना..
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अभिभावक तथा स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे, जिन्होंने छात्रों की रचनात्मकता, प्रस्तुति कौशल एवं वैज्ञानिक जागरूकता प्रसार के इस प्रयास की प्रशंसा की।
वैज्ञानिक सोच की ओर एक सशक्त कदम..
यह कार्यक्रम न केवल मनोरंजन का माध्यम बना, बल्कि इसने छात्रों तथा दर्शकों के मन में वैज्ञानिक सोच, तर्कशक्ति और जिज्ञासा को सुदृढ़ करने का भी कार्य किया। शासकीय मॉडल स्कूल लखनादौन का यह प्रयास समाज को अंधविश्वास-मुक्त दिशा में अग्रसर करने वाला उल्लेखनीय कदम माना जा रहा है।





