ट्रेनिंग विमान हाई वोल्टेज लाइन से टकराया प्लेन, ग्रामीणों ने किया पायलट का रेस्क्यू
सिवनी:-सिवनी जिले के कुरई क्षेत्र में सोमवार को एक बार फिर ऐसा दिल दहला देने वाला दृश्य देखने को मिला, जिसने पूरे इलाके को सकते में डाल दिया। कुरई क्षेत्र में एक (छोटा विमान) ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट अचानक 33 केवी हाई-टेंशन बिजली लाइन से टकरा गया, जिसके बाद जोरदार धमाका सुनाई दिया। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विमान कुछ ही क्षणों तक सामान्य ऊंचाई पर था, तभी अचानक वह असंतुलित होकर नीचे की ओर झुकने लगा और सीधे हाई-टेंशन लाइन से जा टकराया।
कुरई ब्लॉक के सुकतरा इलाके में रेड बर्ड एविएशन कंपनी का ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट शाम करीब 6:30 बजे 33 केवी विद्युत लाइन से टकरा गया.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, विमान अचानक नीचे आने लगा और पंख हाई वोल्टेज लाइन से छू गए. तेज आवाज के साथ कुछ सेकंड के लिए पूरा माहौल दहशत से भर गया. सौभाग्य से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
पायलट अचानक नियंत्रण खो बैठा।
उड़ान अभ्यास के दौरान ट्रेनिंग प्लेन अचानक नियंत्रण से बाहर होता नजर आया. स्थानीय लोग कहते हैं कि जैसे ही विमान तारों से टकराया, चिंगारियां भी दिखाई दीं. कुछ ही पल में अंदाजा हो गया कि पायलट मुश्किल में है और तुरंत ग्रामीण मौके पर दौड़ पड़े.
प्रशासन मौके पर सिवनी के कुरई में हुए एयरक्राफ्ट क्रैश में प्रशासन मौके पर पहुँच चुका है।
पहले भी हो चुके हैं हादसे, लेकिन सुधार नहीं
ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाया कि यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले दो बार ट्रेनिंग विमान रनवे पर दौड़ते समय पलट चुके हैं. इन घटनाओं के बावजूद न तो कंपनी की ओर से और न ही प्रशासन की तरफ से कोई जिम्मेदारी दिखाई गई. लोगों का कहना है कि लगातार हो रही लापरवाही किसी बड़े हादसे को दावत दे रही है.
सुरक्षा जांच की मांग तेज
लगातार हो रही घटनाओं ने लोगों में गुस्सा भर दिया है. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से एयर स्ट्रिप और ट्रेनिंग कंपनियों पर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उनका कहना है कि सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया गया तो भविष्य में बड़ा जनहानि वाला हादसा निश्चित है।
“किस्मत से बचा बड़ा हादसा”
गांव के लोगों ने बताया कि अगर विमान कुछ सेकंड और तारों में फंसा रहता तो परिणाम बेहद भयानक हो सकते थे. पायलट की जान तो जाती ही, साथ ही पूरे इलाके की बिजली व्यवस्था ठप हो सकती थी. कई ग्रामीणों ने इसे सीधी-सीधी मानवीय लापरवाही बताया।




