सिवनी- जनपद पंचायत लखनादौन के अधीन आने वाली ग्राम पंचायत नागनदेवरी एक बार फिर कटघरे में है, ग्रामीणों और स्थानीय सूत्रों का कहना है कि पंचायत में शासन की राशि का उपयोग नहीं, दुरुपयोग हो रहा है, और सरपंच-सचिव की मनमर्जी ने पूरे तंत्र की पोल खोल दी है। पंचायत के विकास कार्यों की फाइलें भले ही चमक रही हों, पर जमीन पर काम का नाम-निशान तक नहीं, ऐसी शिकायतें लगातार उठ रही हैं, ग्रामीणों का दावा है कि नागनदेवरी में विकास कागज़ों पर दौड़ रहा है, जबकि गांव वहीं का वहीं खड़ा है, सूत्रों का कहना है कि यदि जनपद पंचायत लखनादौन के अधिकारी विधिवत, शासन के नियमों के अनुरूप जांच करें, तो पंचायत में हुए भुगतान, बिलों, आपूर्तिकर्ताओं और योजनाओं की परत-दर-परत पूरी कुंडली खुल सकती है।
बाजार से उठे बिल, लेकिन गांव में काम नहीं, सूत्रों का बड़ा दावा
नागनदेवरी पंचायत में सामग्री आपूर्ति, निर्माण कार्य, मजदूरी, मरम्मत, सफाई, पेवर ब्लॉक, निर्माण-सामग्री, और विभिन्न मदों में जो बिल लगाए गए हैं, ग्रामीणों का कहना है कि उनमें से अनेक कार्य वास्तव में हुए ही नहीं। सूत्रों के अनुसार, कई बिलों पर एक ही दुकान का नाम बार-बार, जबकि कार्य स्थल अलग-अलग कुछ दुकानें ऐसी जिनके बारे में ग्रामीण कहते हैं कि वहां से तो आज तक एक भी कार्य पंचायत में नहीं पहुंचा।
मजदूरी भुगतान में अंतर, हाजिरी में अंतर और सत्यापन में भारी गड़बड़ियाँ
टीकाकरण और स्वच्छता जैसे मदों में भी अनियमितता की चर्चाएँ, निर्माण कार्यों में पुराने फोटो लगाकर नए बिल पास कराए जाने के आरोप, यदि यह सब सत्य पाया जाता है, तो शासन की राशि का सीधा वित्तीय दुरुपयोग माना जाएगा।
शासन की राशि को लेकर बड़ा सवाल, कितनी राशि कहाँ गई?
ग्रामीणों का आरोप है कि बीते महीनों में ग्राम पंचायत नागनदेवरी को विभिन्न मदों में लाखों रुपये की राशि प्राप्त हुई, लेकिन गांव में इनका उपयोग दिखाई नहीं देता। सरपंच-सचिव सिर्फ कागज़ पर काम करा रहे हैं। गांव में गड्ढे वैसे ही हैं, नालियां टूटी पड़ी हैं, सड़कें उखड़ी हुई हैं। ओर अन्य कार्य भी वैसे के वैसे लेकिन भुगतान लगातार हो रहे हैं, सूत्रों का दावा है कि पंचायत की वार्षिक कार्य योजना से लेकर मास्टर रोल तक कई बिंदुओं में स्पष्ट विसंगतियाँ हैं, कई मदों में एक ही दिन में कई भुगतान, जबकि काम एक भी पूरा नहीं, किस सामग्री की कितनी मात्रा खरीदी गई, इसका वास्तविक सत्यापन नहीं, फील्ड पर पहुंचने पर काम नहीं, सिर्फ कागज़ी रिकॉर्ड मिलता है।
जनपद अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल
ग्रामीणों में यह सवाल भी जोर पकड़ रहा है कि जनपद पंचायत लखनादौन के अधिकारी अब तक मौन क्यों? पंचायत की फाइलें कब खुलेंगी? सूत्रों का कहना है कि यदि अधिकारी स्थल निरीक्षण, मोटर कैरियर, स्टॉक रजिस्टर, मास्टर रोल, फंड ट्रैकिंग और भुगतान रजिस्टर को शासन के अनुसार जांच लें, तो कई ऐसी बातें सामने आ सकती हैं जो अब तक दबाकर रखी गई हैं।
ग्रामीणों की मांग, जांच हो, सच्चाई सामने आए
नागनदेवरी के ग्रामीणों ने स्पष्ट मांग रखी है कि पंचायत में बीते महीनों में जारी निर्माण भुगतान, सामग्री खरीदी, मजदूरी, आपूर्ति बिल, स्वच्छ भारत, मनरेगा, 15वें वित्त और अन्य मदों की विधिवत जांच कराई जाए। ग्रामीणों ने यह भी कहा, यदि ईमानदार जांच हुई, तो कई नाम उजागर होंगे और पता चलेगा कि शासन की राशि किस तरह, किसके इशारे पर, और किस तरीके से खर्च हुई। ग्राम पंचायत नागनदेवरी पर उठ रहे सवाल अब इतने बड़े हो चुके हैं कि उन्हें नजरअंदाज करना लखनादौन जनपद प्रशासन के लिए भी भारी पड़ सकता है। शासन की राशि पवित्र होती है, उसका उपयोग गांव के विकास के लिए होता है, न कि किसी की मनमर्जी और निजी हितों की पूर्ति के लिए यदि जनपद पंचायत लखनादौन के अधिकारी स्थल निरीक्षण, दस्तावेज़ सत्यापन, बिल मिलान, भुगतान ट्रैकिंग को गंभीरता से करें, तो नागनदेवरी पंचायत की पूरी कहानी स्वयं-ब-स्वयं खुलने वाली है, जवाबदेही कौन तय करेगा? ग्राम पंचायत नागनदेवरी में जो भी अनियमितताएँ सामने आ रही हैं, वे केवल आरोप नहीं, बल्कि ग्रामीणों द्वारा लगातार उठाए जा रहे गंभीर प्रश्न हैं, अब पूरा गांव यही पूछ रहा है, शासन की राशि कहाँ गई? कौन जिम्मेदार है? और कार्रवाई कब होगी?





