सिवनी- जिला पंचायत सिवनी के आदेशानुसार जारी धारा 89 के कारण-बताओ नोटिस ने ग्राम पंचायत बावली में विकास कार्यों की हकीकत को नंगा कर दिया है। पंचायत में वर्षों से चल रहे निर्माण कार्यों की जाँच रिपोर्ट ने सरपंच,सचिवों की कार्यशैली पर तीखे और सीधे सवाल खड़े कर दिए हैं। नोटिस में सरपंच सुनीताबाई मरावी, पूर्व सरपंच मितोबाई, सचिव वीरेंद्र राजपूत तथा सचिव शिवकुमार को सीधे तौर पर जवाबदेह ठहराते हुए 09 दिसंबर तक कारण प्रस्तुत करने को कहा गया है।
पंचायत भवन 14.48 लाख जारी, काम आधा सरपंच-सचिव चुप..
2018 में स्वीकृत पंचायत भवन के लिए 14.48 लाख रुपये मंजूर हुए, पहली किस्त के रूप में 9 लाख रुपये भी जारी कर दिए गए। लेकिन मौके पर स्थिति, भवन अधूरा, दीवारें अधूरी, कोई फिनिशिंग नहीं, उपयोग योग्य सामग्री नहीं, कार्य प्रगति का कोई स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं।
नोटिस में कहा गया है, व्यय राशि के अनुसार कार्य का स्वरूप कहीं नहीं दिखता, सरपंच व सचिव जवाब नहीं दे सके..
यह सीधे तौर पर सरपंच सुनीताबाई मरावी और पूर्व सरपंच मितोबाई सहित सचिव वीरेंद्र राजपूत की जवाबदेही को कठघरे में खड़ा करता है।
स्वच्छता परिसर 3.45 लाख स्वीकृत, पर निर्माण अधूरा ढांचा..
2021–22 में स्वच्छता परिसर के लिए 3.45 लाख रुपये जारी हुए, जाँच में पाया गया, परिसर अधूरा, टॉयलेट, टंकी, रूम का निर्माण पूर्ण नहीं, संरचना उपयोग योग्य नहीं, नोटिस में यह भी दर्ज है कि भुगतान की गई राशि निर्माण की मौजूदा स्थिति से मेल नहीं खाती।
यह सीधे सचिव शिवकुमार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न खड़ा करता है..
ओपनप्लेस भवन 9 लाख रुपये, पर कागज़ों का भवन, ज़मीन पर अधूरा ढांचा, ओपनप्लेस भवन के लिए 9 लाख रुपये जारी हुए। जाँच के अनुसार, ढांचा अधूरा, छत नहीं, फर्श नहीं, भवन उपयोग योग्य नहीं, नोटिस में दर्ज टिप्पणी राशि व्यय के अनुपात में निर्माण का स्वरूप नहीं दिखता। इसका सीधा उत्तर सरपंच व सचिव से मांगा गया है।
पुलिया निर्माण, लेट फाइल, दस्तावेज़ गायब, स्थल पर कार्य नहीं, सचिव से जवाब नहीं..
पुलिया निर्माण के संबंध में कार्य दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं, स्थल पर निर्माण नहीं, सचिव उत्तर देने में विफल, नोटिस की भाषा साफ कहती है, दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं, कार्य स्पष्ट रूप से अधूरा है, सचिव द्वारा कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया।
यह सीधे सचिव शिवकुमार पर कार्रवाई की ज़रूरत को दर्शाता है..
जाँच दल, चारों निर्माण कार्यों में अनियमितता, कुल 27 लाख से अधिक राशि पर सवाल, जाँच दल ने ग्राम पंचायत बावली में हुए चारों प्रमुख निर्माण कार्यों को अधूरा, संदिग्ध, अपर्याप्त और धन-व्यय के अनुपात में असंगत श्रेणी में रखा है।
प्रशासन का सीधा आदेश 9 दिसंबर तक जवाब नहीं दिया तो एकपक्षीय कार्रवाई..
नोटिस में स्पष्ट लिखा है, निर्धारित तिथि तक संतोषजनक कारण प्रस्तुत न करने पर धारा 89 अंतर्गत एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी, इसमें सरपंच सुनीताबाई मरावी, पूर्व सरपंच मितोबाई, सचिव वीरेंद्र राजपूत और सचिव शिवकुमार सभी को जवाबदेह माना गया है।
गाँव की आवाज, 27 लाख रुपये कहाँ गए? विकास किसका हुआ?
ग्रामीणों में आक्रोश है, लोग खुले तौर पर पूछ रहे हैं, पंचायत भवन क्यों अधूरा है? स्वच्छता परिसर क्यों खंडहर जैसा है? 9 लाख रुपये खर्च हुए, फिर ओपनप्लेस भवन कहाँ है? पुलिया का कोई नामोनिशान नहीं, बजट कहाँ गया? ग्राम में यह चर्चा आम है कि प्रशासन अब कड़ी कार्रवाई किए बिना नहीं रुक सकता। जवाबदेही तय होना अनिवार्य, कारण-बताओ नोटिस ने स्पष्ट कर दिया है कि पंचायत प्रबंधन में गंभीर अनियमितताएँ, लापरवाही, बजट के अनुपात में कार्य न होना, रिकॉर्ड का अभाव, और जवाबदेही से बचने की प्रवृत्ति साफ दिखाई देती है। अब निर्णय जिला प्रशासन के हाथों में है कि सरपंच,सचिवों का जवाब संतोषजनक मिलता है या दंडात्मक कार्रवाई की गाज गिरती है। यह तो आने बाला समय बलबान है।





